Maithili Sharan Gupt
Born
in Chirgaon, Jhansi, India
August 03, 1886
Died
December 12, 1964
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साकेत [Saket]
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published
1931
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5 editions
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भारत-भारती
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published
1914
—
4 editions
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पंचवटी [Panchvati]
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नहुष [Nahush]
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जयद्रथ वध
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published
1910
—
3 editions
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प्रदक्षिणा [Pradakshina]
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published
1951
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यशोधरा [Yashodhara]
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यशोधरा
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चन्द्रहास [Chandrahas]
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Meghnath Vadh
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“अधिकार खो कर बैठ रहना, यह महा दुष्कर्म है;
न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है।”
― जयद्रथ वध
न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है।”
― जयद्रथ वध
“जिस पर हृदय का प्रेम होता सत्य और समग्र है,
उसके लिए चिन्तित तथा रहता सदा वह व्यग्र है।”
― जयद्रथ वध
उसके लिए चिन्तित तथा रहता सदा वह व्यग्र है।”
― जयद्रथ वध
“हे सारथे ! हैं द्रोण क्या, देवेन्द्र भी आकर अड़े,
है खेल क्षत्रिय बालकों का व्यूह-भेदन कर लड़े।
श्रीराम के हयमेध से अपमान अपना मान के,
मख अश्व जब लव और कुश ने जय किया रण ठान के।।”
― जयद्रथ वध
है खेल क्षत्रिय बालकों का व्यूह-भेदन कर लड़े।
श्रीराम के हयमेध से अपमान अपना मान के,
मख अश्व जब लव और कुश ने जय किया रण ठान के।।”
― जयद्रथ वध
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757 | 388 | Oct 18, 2018 11:02AM |



















