ईद है कोई जशन नहीं है, धयान से, इतना चहको मत,
आओ जरा खीर चख ले, अरे दोसतों से, इतना बहको मत,
खुद बना दे अगर ईद का खीर, तो फिर सरहद पार तो जाना पडेगा,
और उन बुजदिल जुलमियों को गले से लगाना पडेगा,
अरे गले लगाना है तो लगा लेंगे लगाने में इतनी कया मजबूरी है,
लगाने ही तो बचाए हुए हैं वरना दंगो में कया कमजोरी है,… Read the rest
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Published on August 21, 2018 21:52