मां

 मैं मां पर लिखण मै मोड़ो कर दीन्हो,

म्हारै कनै सबद भी कोनी हा,

क्यूं कै मैं म्हारी मां नै दैखी कोनी,

वा किसीक ही,कैड़ौ सुभाव हो,

पण मैं जगत री ओर मां'वा नै देखूं,

अर सोचूं,

मां किसी भी जूणी मांय हुवै,

बीं रो सुभाव,प्रेम अर बुचकारणो,

सगळै ऄकसो ई हुवै !

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Published on May 15, 2024 19:41
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