Feedback on 'Colaba Conspiracy' - Part 2

Part 1 से आगे...

पुनीत दुबे को ‘कोलाबा कान्स्पिरेसी’ बेमिसाल, पूरे सौ नंबरों के काबिल लगा, बावजूद उनकी नीचे लिखी दो
नाइत्तफाकियों के:



1. बकौल उनके पंगा
शब्द जो एडुआर्डो और जीतसिंह के डायलॉग्स में आता है गोवा या मुंबई में इस्तेमाल नहीं
होता ।



2. गाइलो जीतसिंह से
मदद मांगने जाता है तो जीतसिंह उसे अपनी जाती दुश्वारियों का हवाला देकर टाल देता है,
बावजूद इसके कि अतीत में गाइलो ने जीतसिंह की भरपूर मदद की थी, और कई मुसीबतें झेली
थीं । ये A FRIEND IN NEED
IS A FRIEND INDEED तो न हुआ ।



उपरोक्त के अलावा दुबे
साहब...

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Published on May 30, 2014 20:32
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