Tripurari Quotes

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Tripurari Kumar Sharma
“ख़ामोशी, वैसे तो बहुत ठंडा लफ़्ज़ है मगर इसकी तासीर बहुत गर्म होती है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“मोहब्बत का ख़ुदा अगर कोई है, तो सिर्फ़ मैं ही हूँ।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“कुछ रिश्ते कभी नहीं मरते, क्यूँकि उनकी कोई उम्र ही नहीं होती।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“लिखना, मेरी सबसे बड़ी मजबूरी है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है। दरख़्तों की टहनियों पर गाते हुए परिंदों की बोली में मेरे माज़ी के हसीन होंटों की हँसी साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“शेर पढ़ते हुए ये तुम ने कभी सोचा है
शेर कहते हुए मैं कितनी दफ़ा मरता हूँ”
TRIPURARI

Tripurari Kumar Sharma
“तुम जिसे चाँद कहते हो वो अस्ल में
आसमाँ के बदन पर कोई घाव है”
TRIPURARI

Tripurari Kumar Sharma
“उम्र भर लड़ता रहा हूँ उस से
वो जो इक शख़्स कभी था ही नहीं”
TRIPURARI

Tripurari Kumar Sharma
“ये बारिश कब रुकेगी कौन जाने
कहीं मैं मर न जाऊँ तिश्नगी से”
TRIPURARI

Tripurari Kumar Sharma
“Beauty is nothing but the way you carry your attitude.”
TRIPURARI

Tripurari Kumar Sharma
“I like to read people rather than books.”
Tripurari

“जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है।”
त्रिपुरारि

Tripurari Kumar Sharma
“ग़म और ख़ुशी के दर्मियान झूलती हुई उदासी कोई ऐसी शय नहीं जिससे छुटकारा पाया जा सकता है। ये एक ऐसी ख़ुशबू है जिसे भीतर ही भीतर जज़्ब करना होता है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“अकेलापन दुनिया के कई सच में से एक ऐसा सच है जिसे हर कोई ज़िंदगी भर झुठलाने की कोशिश करता है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“मैं जब भी तुम्हारे पास होती हूँ, तो लगता है कि मैं जिस्म से आज़ाद हो चुकी हूँ।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“अफ़्साना हो जाना ही अफ़्साना लिखने का सबसे बेहतर ढंग है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“मुझे लगता है कि हर अफ़्साना अपने आप में एक तवील नज़्म है और हर नज़्म, एक मुख़्तसर अफ़्साना है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“जब दुख भीतर हो, तो बाहर की हर चीज़ दुखी ही नज़र आती है।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“हम सबके भीतर हज़ारों ऐसी बातें दफ़्न होती हैं, जिन्हें हम किसी से कहना चाहते हैं मगर सुनने वाला सही इंसान कभी नहीं मिल पाता।”
Tripurari, North Campus

Tripurari Kumar Sharma
“माँ मिरी बे-वजह ही रोती है
फ़ोन पर जब भी बात होती है
फ़ोन रखने पे मैं भी रोता हूँ”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“सख़्त ऊपर से मगर दिल से बहुत नाज़ुक हैं
चोट लगती है मुझे और वो तड़प उठते हैं
हर पिता में ही कोई माँ भी छुपी होती है”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“चाहे कितना भी हो घनघोर अंधेरा छाया
आस रखना कि किसी रोज़ उजाला होगा
रात की कोख ही से सुब्ह जनम लेती है”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“ये न सोचो कि ज़रा दूर दिखाई देगा
एक ही दीप से आग़ाज़-ए-सफ़र कर लेना
रोशनी होगी जहाँ पर भी क़दम रक्खोगे”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“आँसू ख़ुशियाँ एक ही शय है नाम अलग हैं इनके
पेड़ में जैसे बीज छुपा है बीज में पेड़ है जैसे
एक में जिसने दूजा देखा वो ही सच्चा ज्ञानी”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“ज़ेहन की शाख़ को इक याद की उंगली ने छुआ
और फिर सीने में हर सिम्त कई फूल गिरे
तेरी ख़ुशबू में सराबोर हुआ बैठा हूँ”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“जिन दिनों तुम कर रहे थे जंग की तैयारियाँ
उन दिनों हम सींचते थे फूल वाली क्यारियाँ
अपनी अपनी आदतों से हम बहुत मजबूर थे”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“तुम उछालो ये साँस के सिक्के
और मैं गुल्लक गले का सम्भालूँ
ज़िंदगी यूँ बसर करेंगे हम”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“जुल्म के वक़्त भी गर लब न खुलेंगे तो सुनो
अपनी चुप्पी के तले दब के ही मर जाओगे
खुल के बोलो कि ज़माने को लगे ज़िंदा हो”
Tripurari, Saans Ke Sikke: 99 Triveniyon Ka Sangrah

Tripurari Kumar Sharma
“ये सच है उनके दम से ज़िंदगी त्योहार लगती है
कोई माने न माने रोज़ होली-तीज हैं वो लोग
उन्हीं के दम से तो सारी ज़मीनें भी सुहागन हैं
पकी फसलें छुपाए ख़ुद में ज़िंदा बीज हैं वो लोग”
Tripurari

Tripurari Kumar Sharma
“Marriage is situational; love is accidental.”
Tripurari

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