বিমল মিত্র | Bimal Mitra
Born
in Kolkata, British Indian Ocean Territory
March 18, 1912
Died
December 02, 1991
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সাহেব বিবি গোলাম
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published
1983
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10 editions
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কড়ি দিয়ে কিনলাম ১ম খণ্ড
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published
1961
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6 editions
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কড়ি দিয়ে কিনলাম ২য় খণ্ড
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বেগম মেরী বিশ্বাস
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published
1985
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4 editions
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আসামী হাজির
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published
1973
—
4 editions
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প্রথমা
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একক দশক শতক
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बिमल मित्र की लोकप्रिय कहानियां
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বেনারসী
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Aurat Ka Safar: Celebrating the Triumphs and Struggles of Women in Contemporary Society
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“वही सन तेरह सौ पैंतालीस का साल। जाने किस गिरजे की घड़ी में यंत्रयुग के स्वागत का घंटा बजा था। किंतु किसे पता था कि एक दिन वही घड़ी मध्ययुग के महाकाल के कल्पना सौंध को जमींदोज कर देगी? घंटा, मिनट और सैकंड में महाकाल को टुकड़े- टुकड़े करके समय के क्षय का अक्षय इतिहास तैयार करेगी? महाकाल की कल्पना को चूर चूर करके शायद इसी घड़ीने पहली बार यह बताया कि आकाश चूमते गिरजे की गुम्बदे, मस्जिदों की मीनारे, मन्दिरो के शिखर न तो शाश्वत है, न सनातन । उसने बताया- धर्म , देवता और ब्राह्मणों के रौब-दाब सब कल्पना है, छलना है, सत्य है सिर्फ पांवो तले जमीन और भले-बुरे मिलावटवाले मनुष्य। 'सर्वोपरि सत्य मनुष्य है' - यह बात चंडीदास से बहुत पहले कह गई है घडी। वह कह गई, सत्य केवल मनुष्य ही नही उसके चौबीस घंटे सत्य है, चौदह सौ चालीस मिनट सत्य है, छियासी हजार चार सौ सेकंड भी सत्य है।
~ साहब बीबी गुलाम”
― साहब बीबी और ग़ुलाम
~ साहब बीबी गुलाम”
― साहब बीबी और ग़ुलाम
“बुड्ढों में अधिक वासना होती हैं, इसलिए खूबसूरत औरतों को देखने पर उनका मन भी जल्दी फिसलता है । इसलिए तो कह रहा हूं कि मल्लिक बड़ा हरामी आदमी है । मेरी पत्नी को देखते ही तुरन्त मकान किराये पर दे दिया”
― गवाह नंबर तीन
― गवाह नंबर तीन






























