दुश्मन न मिले कोई अगर, अपनों को कत्ल कर दफनाना होगा।रियाज़-ए-दुश्मनी को क्योंकि, हर हाल में निभाना होगा।रंजिशों के दौर का कोई छोर नहीं,खून है सभी रगों में,उस खून को सड़कों पर बहाना होगा।– ऋजुता
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