काया पलट

क्राईम फिक्शन के हैशटैग के अंतर्गत डेविड फ्रांसिस सीरीज़ का ‘डेढ़ सयानी’ के बाद यह दूसरा उपन्यास है— लेकिन क्रम में इसे पहले नंबर पर रखा जायेगा, क्योंकि डेविड के जीवन का पहला लिखने योग्य पंगा इसी कहानी में सामने आता है। यूं समझिये कि ‘डेढ़ सयानी’ प्रकाशित भले पहले हुई हो, लेकिन वह कहानी बाद की है, जिसे अगले एडिशन में सही क्रम दिया जायेगा… इसी वजह से इसे इस सीरीज़ का पहला क्रमांक दिया गया है, जो चीज़ पाठकों को कन्फ्यूज कर सकती है। डेढ़ सयानी का क्रम उन कहानियों के बाद आयेगा, जो डेविड ने अब याद करनी और लिखनी शुरू की हैं।

यह एक तरह से डेविड की अतीत यात्रा है— वह पैसिफिक के एक आईलैंड पर बैठ कर अपने उस अतीत को याद कर रहा है, जो लिखने योग्य है। इस अतीत में ही उसके चरित्र का विकास है। उसके साधारण से श्रेष्ठ बनने का सफ़र है। एक आम आदमी से जेम्स बॉण्ड बनने की पड़ावों से भरी प्रक्रिया है। जो आदमी वर्तमान में दस गुंडों को अकेले और निहत्थे पीटने की क्षमता रखता हो— उसके अपने से कम दो मामूली लड़कों से पिट जाने की दास्तान है। इस यात्रा में डेविड के अतीत से जुड़ी नौ कहानियां सामने आयेंगी— जिन्होंने इस कैरेक्टर को दशा और दिशा दी है।

जिन पाठकों ने ‘डेढ़ सयानी’ नहीं पढ़ी, उन्हें इस कैरेक्टर के बारे में बता दूं कि यह एक योरोपियन पिता और भारतीय माँ से उत्पन्न संतान है, जो आर्थिक रूप से काफ़ी सम्पन्न है। किसी तरह जिसे बचपन से ही जासूसी किताबों और फिल्मों का चस्का लग गया और उसकी फितरत में वैसा ही कोई कैरेक्टर बनने की जो ललक पैदा हुई तो उसके व्यक्तित्व का विकास भी उसी मिज़ाज के अनुरूप होने लगा। इस आकर्षण के चलते ही जिसने शुरू से ही हर तरह की ट्रेनिंग ली, और हर तरह के तकनीकी ज्ञान में भी दक्षता हासिल की। फिर जब जवान होने और पढ़ाई पूरी होने के साथ ही माता-पिता एक रोड एक्सीडेंट में एक्सपायर हो गये, तो वह भी मुक्त हो कर अपने जेम्स बॉण्ड बनने के सफ़र पर निकल पड़ा।

लेकिन व्यवहारिक रूप से ऐसा कुछ हो पाना आसान नहीं होता। क़दम-क़दम पर पेश होने वाली मुसीबतें असल स्किल और जीजिविषा का सख़्त इम्तिहान लेती हैं— यह अलग बात है कि इन मुसीबतों से हार मान कर पीछे हटने के बजाय वह आगे बढ़ता जाता है और उसकी शख्सियत निखरती जाती है। ख़ुद को बारहा ख़तरे में डाल कर, निश्चित दिखती मौत के मुंह से अपने को वापस खींच कर, अंततः वह वैसा बनने में कामयाबी पाता है, जो वह होना चाहता था। ख़ुद को जासूसी दुनिया के किसी फिक्शनल किरदार की तरह ड्वेलप करना और दुनिया भर के अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की सोच रखना उसका एक खब्त था— लेकिन यही अकेला खब्त नहीं था।

उसे प्रकृति से भी कम लगाव नहीं था, वह ज़र्रे-ज़र्रे में एक अप्रतिम सौंदर्य ढूंढने का जज़्बा रखता था। उसे सब्ज़ जंगलों से प्यार था, उसे सूखे रेगिस्तानों से प्यार था, उसे गहरे समंदरों से प्यार था, उसे गर्व से सीना ताने खड़े पहाड़ों से प्यार था। वह पूरी दुनिया को घूम लेना और देख लेना चाहता था— चप्पे-चप्पे को महसूस करना चाहता था और सृष्टि रचियता की उस कारीगरी को निहारना चाहता था, जो हर जगह थी… ज़मीन के हर हिस्से में थी।

लेकिन यह दो शौक ही नहीं थे, जो उसके सर पर खब्त की तरह सवार थे, बल्कि जितनी दिलचस्पी उसे इन दोनों चीज़ों में थी, लड़कियों में उससे कम दिलचस्पी नहीं थी। औरत के मामले में उसका अपना दर्शन था— वह ज़मीन के हर हिस्से में पाई जाने वाली, हर रंग और नस्ल की औरत को भोग लेना चाहता था लेकिन ऐसे किसी रिश्ते में बंधना उसे स्वीकार नहीं था, जो उससे ज़िम्मेदारी की डिमांड करता हो। लड़कियां उसकी कमज़ोरी थीं और उसने जवान होने के बाद से ही ‘आई कांट सी ए डैमसेल इन डिस्ट्रेस’ के सिद्धांत को अपना रखा था— उसकी ज़िंदगी के ज्यादातर पंगे तो इसी सिद्धांत के चलते थे।

तो यह कैरेक्टर ड्वेलप होने के साथ वह सब पाता है, जो इसने पाना चाहा था, लेकिन जहां से इसकी यह फसादी यात्रा शुरू होती है— वहां इसके साथ कुछ चमत्कार जैसा घटा था… जब सात अक्तूबर की रात दिल्ली से मुंबई पहुंच कर वह अपने घर में सोता है और उठता है तो पाता है कि तारीख़ पंद्रह अक्तूबर हो चुकी थी, वह अपनी वास्तविक उम्र से पच्चीस-तीस साल बड़ा और अधेड़ हो चुका था, उसका शरीर भी काफ़ी हद तक बदल चुका था, मुंबई के बजाय अब वह न्यूयार्क में किसी जगह था, अपने घर के बजाय एक आलीशान घर में था और सबसे बड़ी बात कि अब वह डेविड भी नहीं रहा था, बल्कि न्यूयार्क के टॉप लिस्टेड अमीरों में से एक अमीर राईन स्मिथ बन चुका था।

अब ऐसा कैसे हुआ… सोते-सोते उसका शरीर, उसकी उम्र, उसकी जगह, उसकी हैसियत कैसे बदल गई— इस गुत्थी को सुलझाने का नाम ही ‘काया पलट’ है।

Kaya Palat
Ashfaq Ahmad
 •  0 comments  •  flag
Share on Twitter
Published on April 29, 2024 06:21 Tags: crime-fiction
No comments have been added yet.


Lafztarash

Ashfaq  Ahmad
A Beautiful Sea of endless words, where you can get all kinds of articles related to social, political, religion, knowledge and science-based various types with short stories and poetry.
Follow Ashfaq  Ahmad's blog with rss.