ऑपरेशन साल्जर
‘स्पाईवर्स’ के हैशटैग के अंतर्गत ‘कोड ब्लैक पर्ल,’ ‘मिशन ओसावा’ और ‘द अफ़गान हाउंड’ के बाद इस सीरीज का यह चौथा उपन्यास है— और जहां पहले तीन उपन्यास इस सीरीज के मुख्य छः किरदारों के इंट्रोडक्टरी उपन्यास थे… वहीं पहली बार ‘ऑप्रेशन साल्जर’ में जो दो मुख्य किरदार रिपीट हो रहे हैं वह हैं— निहाल सिंह और रूबी भाटिया।
कहानी से पहले इस सीरीज के बारे में कुछ शब्द… अमूमन कोई सीरीज किसी एक किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके कुछ सहयोगी होते हैं जो उसके साथ ही हर कहानी में अपनी उपस्थिति बनाये रखते हैं— लेकिन ‘स्पाईवर्स’ किसी एक किरदार की सीरीज नहीं है, बल्कि यह एक एजेंसी से सम्बंधित सीरीज हो, जिसकी कल्पना ‘राॅ’ से जुड़ी एक एडीशनल डेस्क के रूप में की गई है, जो एक्सटर्नल अफेयर्स से जुड़े केस देखने वाली एजेंसी है और जिसके लिये बाकायदा ‘जेम्स बाॅण्ड’, ‘ईथन हंट’ और ‘जेसन बोर्न’ के पैटर्न पर एजेंट तैयार किये हैं।
यह इस प्रोग्राम की शुरुआत है और अभी इससे जुड़े ए-बी ग्रेड के सदस्यों की संख्या तेरह है— जिनमें मुख्य हैं संग्राम थापर, आरव आकाश, निहाल सिंह, रूबी भाटिया, रोज़ीना रेयान और सबीना शाह। एजेंसी की कमान राहुल आचार्य नाम के कर्नल रैंक के शख़्स के हाथ है, जिसने यह प्रोग्राम डिजाइन किया है।
मेन परफार्मर के तौर पर सभी छः लोग अलग-अलग मिज़ाज के हैं, अलग तरह का स्टाईल रखते हैं ख़ुद को तराशने के तरीके भी सबके अलग-अलग ही हैं। छोटे-छोटे दर्जनों मिशन उन्हें अकेले करने होते हैं लेकिन कोई बड़ा मिशन हो तो उन्हें युगल के रूप में उस मिशन को पूरा करना होता है, जहां सहयोगी के रूप में ग्रेड बी वाले कुछ सदस्य भी उपलब्ध रहते हैं। ऐसे ही मुख्य मिशनों को ले कर ‘स्पाईवर्स’ की कहानियां कही गई हैं।
ऑप्रेशन साल्जर निहाल और रूबी को दिये गये एक मिशन की कहानी है— जिसके पीछे उन्हें साउथ चायना सी तक की यात्रा करनी पड़ती है और फिर समंदर से ले कर इंडोनेशिया के जावा, सुमात्रा और मलेशिया की ज़मीन पर यह कहानी पूरी होती है।
अब जैसा इस सीरीज का मिज़ाज है कि इससे विषय जिओ पाॅलिटिक्स से जुड़े होते हैं— तो ऑप्रेशन साल्जर का विषय भी ऐसी ही राजनीति से जुड़ा है जो एक अरसे से साउथ चायना सी में उथल-पुथल का कारण बनी हुई है। इस पूरे इलाके में चीन अपना वर्चस्व चाहता है जिससे इस हिस्से से सम्बंधित कुछ देश बुरी तरह असहज होते हैं, और उनका फायदा उठाने, उन्हें अपने फेवर में करने अमेरिका अपना दखल इस क्षेत्र में बढ़ा देता है— जिससे स्थितियां और भी खराब होती हैं।
प्रस्तुत कहानी के केन्द्र में एक लग्ज़री क्रूज़ है जो एलीट वर्ग के लिये एक सी एडवेंचर है। यहां उनके हिसाब से ही सारी व्यवस्थाएं रहती हैं और उनके स्तर के टूर ऑर्गेनाइज़ किये जाते हैं— जिससे आसपास के देशों के अहम लोग तो ऐशो आसाइश के लिये उस पर पहुंचते ही हैं, बाहर के देशों के भी कुछ महत्वपूर्ण लोग पहुंच जाते हैं… जिनमें भारत से सम्बंधित एक राजनीतिक हस्ती भी थी, जो अपने गुप्त दौरे पर वहां मौज-मस्ती करने पहुंची थी।
क्रूज़ जब रियाऊ आइलैंड्स से हो कर मीरी और मनीला की तरफ़ जा रहा था, तब एक रात अचानक उसे हाईजैक कर लिया जाता है और सारे अति-विशिष्ट लोग बंधक बना लिये जाते हैं। अब निहाल और रूबी को अपने लोगों की सुरक्षित वापसी का मिशन दिया जाता है, जिसके लिये वे साउथ चायना सी पहुंचते हैं और लोकल सपोर्ट से अपना काम शुरू करते हैं।
लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, इस पूरे कांड को ले कर बनने वाली थ्योरीज स्विच होना शुरू हो जाती हैं… कभी लगता है कि इस हाईजैकिंग का उद्देश्य केवल धन उगाही थी, कभी लगता है कि यह साउथ चायना सी की राजनीति से जुड़ी रस्साकशी है। कभी लगता है कि इस कांड की जड़ में अमेरिका है तो कभी लगता है कि इस कांड के पीछे चीन है।
तो आख़िर क्या था इस हाईजैकिंग का उद्देश्य? और अगर यह वाक़ई साउथ चायना सी की राजनीति से जुड़ा था तो इसके पीछे असल में कौन था? भारत इस जगह बाहरी खिलाड़ी था और उसके भेजे एजेंट्स का काम केवल अपने लोगों की सुरक्षित वापसी था, लेकिन क्या ऐसा हो पाया?
Operation Saaljar
Operation Saaljar (Spyverse Book 4)
कहानी से पहले इस सीरीज के बारे में कुछ शब्द… अमूमन कोई सीरीज किसी एक किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके कुछ सहयोगी होते हैं जो उसके साथ ही हर कहानी में अपनी उपस्थिति बनाये रखते हैं— लेकिन ‘स्पाईवर्स’ किसी एक किरदार की सीरीज नहीं है, बल्कि यह एक एजेंसी से सम्बंधित सीरीज हो, जिसकी कल्पना ‘राॅ’ से जुड़ी एक एडीशनल डेस्क के रूप में की गई है, जो एक्सटर्नल अफेयर्स से जुड़े केस देखने वाली एजेंसी है और जिसके लिये बाकायदा ‘जेम्स बाॅण्ड’, ‘ईथन हंट’ और ‘जेसन बोर्न’ के पैटर्न पर एजेंट तैयार किये हैं।
यह इस प्रोग्राम की शुरुआत है और अभी इससे जुड़े ए-बी ग्रेड के सदस्यों की संख्या तेरह है— जिनमें मुख्य हैं संग्राम थापर, आरव आकाश, निहाल सिंह, रूबी भाटिया, रोज़ीना रेयान और सबीना शाह। एजेंसी की कमान राहुल आचार्य नाम के कर्नल रैंक के शख़्स के हाथ है, जिसने यह प्रोग्राम डिजाइन किया है।
मेन परफार्मर के तौर पर सभी छः लोग अलग-अलग मिज़ाज के हैं, अलग तरह का स्टाईल रखते हैं ख़ुद को तराशने के तरीके भी सबके अलग-अलग ही हैं। छोटे-छोटे दर्जनों मिशन उन्हें अकेले करने होते हैं लेकिन कोई बड़ा मिशन हो तो उन्हें युगल के रूप में उस मिशन को पूरा करना होता है, जहां सहयोगी के रूप में ग्रेड बी वाले कुछ सदस्य भी उपलब्ध रहते हैं। ऐसे ही मुख्य मिशनों को ले कर ‘स्पाईवर्स’ की कहानियां कही गई हैं।
ऑप्रेशन साल्जर निहाल और रूबी को दिये गये एक मिशन की कहानी है— जिसके पीछे उन्हें साउथ चायना सी तक की यात्रा करनी पड़ती है और फिर समंदर से ले कर इंडोनेशिया के जावा, सुमात्रा और मलेशिया की ज़मीन पर यह कहानी पूरी होती है।
अब जैसा इस सीरीज का मिज़ाज है कि इससे विषय जिओ पाॅलिटिक्स से जुड़े होते हैं— तो ऑप्रेशन साल्जर का विषय भी ऐसी ही राजनीति से जुड़ा है जो एक अरसे से साउथ चायना सी में उथल-पुथल का कारण बनी हुई है। इस पूरे इलाके में चीन अपना वर्चस्व चाहता है जिससे इस हिस्से से सम्बंधित कुछ देश बुरी तरह असहज होते हैं, और उनका फायदा उठाने, उन्हें अपने फेवर में करने अमेरिका अपना दखल इस क्षेत्र में बढ़ा देता है— जिससे स्थितियां और भी खराब होती हैं।
प्रस्तुत कहानी के केन्द्र में एक लग्ज़री क्रूज़ है जो एलीट वर्ग के लिये एक सी एडवेंचर है। यहां उनके हिसाब से ही सारी व्यवस्थाएं रहती हैं और उनके स्तर के टूर ऑर्गेनाइज़ किये जाते हैं— जिससे आसपास के देशों के अहम लोग तो ऐशो आसाइश के लिये उस पर पहुंचते ही हैं, बाहर के देशों के भी कुछ महत्वपूर्ण लोग पहुंच जाते हैं… जिनमें भारत से सम्बंधित एक राजनीतिक हस्ती भी थी, जो अपने गुप्त दौरे पर वहां मौज-मस्ती करने पहुंची थी।
क्रूज़ जब रियाऊ आइलैंड्स से हो कर मीरी और मनीला की तरफ़ जा रहा था, तब एक रात अचानक उसे हाईजैक कर लिया जाता है और सारे अति-विशिष्ट लोग बंधक बना लिये जाते हैं। अब निहाल और रूबी को अपने लोगों की सुरक्षित वापसी का मिशन दिया जाता है, जिसके लिये वे साउथ चायना सी पहुंचते हैं और लोकल सपोर्ट से अपना काम शुरू करते हैं।
लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, इस पूरे कांड को ले कर बनने वाली थ्योरीज स्विच होना शुरू हो जाती हैं… कभी लगता है कि इस हाईजैकिंग का उद्देश्य केवल धन उगाही थी, कभी लगता है कि यह साउथ चायना सी की राजनीति से जुड़ी रस्साकशी है। कभी लगता है कि इस कांड की जड़ में अमेरिका है तो कभी लगता है कि इस कांड के पीछे चीन है।
तो आख़िर क्या था इस हाईजैकिंग का उद्देश्य? और अगर यह वाक़ई साउथ चायना सी की राजनीति से जुड़ा था तो इसके पीछे असल में कौन था? भारत इस जगह बाहरी खिलाड़ी था और उसके भेजे एजेंट्स का काम केवल अपने लोगों की सुरक्षित वापसी था, लेकिन क्या ऐसा हो पाया?
Operation Saaljar
Operation Saaljar (Spyverse Book 4)
Published on February 08, 2025 19:33
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