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https://kanikasworld.home.blog/wp-con..." alt="" class="wp-image-2241" />Photo by Marija Veldic on
Pexels.comश्श्श….मेरे भगवान सो रहें हैं !
तोह क्या हुआ जो मनुष्य मनवता ही कहीं खो रहें हैं !
मेरे भगवान अभी सो I
मनुष्य मनुष्य को घात करे, है और जीभा से प्रतिदिन निंदा के प्रहार हो रहे I
किन्तु मेरे भगवन अभी सो रहे हैं !
चोरी लूट मार डकैती rape ,
मज़हब के नाम पर एक दूसरे का काटे गला
और पैसों के लिए भाई भाई का खूनी हुआ, ऐसे अपराध देश में सरेआम हो रहे हैं I
फिर भी क्या मेरे भगवान कहीं सो रहें हैं?
है कलियुग अपनी चर्म सीमा पर, सबको अपने अँधेरे में घेरे ,
धर्म भूल गए सब अपना और विश्वास हट गया सबके मन से, , हैं अविश्वास से भरे सबके चेहरे l
त्राहि त्राहि चारों ओर है,
दीन दुनिया में युद्ध प्रतिदिन हो रहे हैं,
ऐसे में मैं सवाल करुँ, कल्कि कहाँ हो तुम, कब आओगे ?…लेकिन मेरे भगवान तोह अभी सो रहे हैं ?
पर क्यों सब मनुष्य पाप अपने भगवान के माथे मंढ धो रहे हैं ?
न है लालसा किसी को भी अपने अंदर झाँकने की…न लगन अपने कर्म सुधरने की,
बस शोर मचाये हैं और ये एक ही अलाप रो रहे हैं !
भगवान किधर हैं,कहाँ हैं ?…
क्या वह कहीं सो रहें हैं?
भगवान तोह बस सो रहे हैं!
भगवान तोह बस सो रहें हैं!
~ कनिका
Published on March 11, 2025 00:03