तू घर है मेरा,
न पिन न लोकेशन,
ये तो है बस एक अजीब सा कनेक्शन
तू नहीं तो कौन है?
तेरे वजूद से सारे एहसास मेरे,
तू नहीं तो सब मौन है।
तू घर है मेरा,
कि बनता नहीं घर ईंट और पत्थर से,
ये तो बस एक वाइब है।
और तू नहीं तो और कौन है?
तू ही मेरा safe space,जहां मेरी सारी शिकायतें On हैं।
भीड़ में हु मैं अब अकेला नहीं,
मेरे बैग के साथ अब दीवार पर टंगा हैं तेरा झोला भी।अब मेरे ब्रश के साथ मुस्कुराता है तेरा फैंसी toothpasre भी,
जाकर देख जगह आधी छोड़ दी है शेल्फ पर तेरे skincare के लिए भी।
शाम की चाय अब दो कप बनती है,
doorbell की घंटी मुझसे ज्यादा अब तेरे parcels के लिए बजती है।
मेरी कुर्सी पर वो टीशर्ट तेरी,
तेरी किताबों से है अब side -table पर जगह कम है हां, सफाई में तेरा थोड़ा contribution वेलकम है।घर
लौटने का मतलब,अब सिर्फ एक जगह नहीं,
एक एहसास है – वो तू है,
तू घर है मेरा, और तू नहीं तो कौन है।
Published on April 29, 2025 00:13