दिल ए दास्तां; दिल्ली

तो ध्यान से सुनिएगा दोस्तों क्योंकि यहां मुझे आपकी दाद चाहिए! यह सच है कि दिल्ली जैसा कोई शहर नहीं।
यह मद्धम भी है और दौड़ता भी है। यहां कुछ जगह ऐसी है मानो वक्त जैसे थम सा गया हो और वहीं कुछ जगह ऐसी हैं जो मेट्रो की रफ्तार से दौड़ती हैं।
दिल्ली विविधताओं का शहर है, दिल्ली विरोधाभास का शहर है।
दिल्ली का अपना एक बेहद पुराना इतिहास है, बरसों पुरानी सभ्यता है और फिर भी यह ग्लोबल ट्रेंड्स सारे फॉलो करता है, यही विशेषता है यही इसकी नवीनता है।

एक तरफ यह अपने IITs और NITs के साथ सबको आधुनिकता की रेस में पीछे छोड़े हैं,
वहीं दूसरी ओर इसका लाल किला और कुतुब मीनार अपने अंदर बरसों इतिहास संजोए है।
जहां एक तरफ वह पुरानी दिल्ली की कोठी कोठियां आज भी अपने अंदर सन 47 के घाव समेटे है।
वहीं दूसरी ओर NCR के ऊंचे ऊंचे skyscrapers मानो सपनों के आसमान को भेदे हैं।
यूं तो अब यह है corporate hub के नाम से जाना जाता पर आज भी जानी यह है गालिब का शहर कहलाता।
दिल्ली कोई आम शहर नहीं है, यह एक एहसास है जिसे केवल महसूस किया जा सकता है।
इसका अपना एक दिल है जो पूरी गर्म जोशी से धड़कता है।
बड़े शहर तो और भी बहुत हैं, जैसे मुंबई और बेंगलुरु। आधुनिकता में भले ही यह दिल्ली को पीछे छोड़े हैं पर वह अपनापन जो चाय के टपरी पर बैठे दो अनजाने में दोस्ती कर दे वह जादू सिर्फ दिल्ली में है । ऐसे ही नहीं यह दिल वालों का शहर कहलाता।
वहीं कोलकाता लखनऊ और बनारस जैसे ऐतिहासिक शहरों में वह छोटे शहर वाली खुशमिजाजी वो अदब तो है पर वह Gen Z vibes कहां और वह nightlife कहां
। सोच कर देखिए आधुनिकता और इतिहास का ऐसा समागम जैसा दिल्ली में है, शायद ही कहीं और हो।
दिल्ली यमुना की तरह बहती है कहानी है, सीलमपुर से लेकर इसके सारे flyovers तक, जमुना पार से लेकर साउथ दिल्ली तक, इसके हर पहलू की अपनी अलग खूबसूरती है अपनी अलग vibe है।
अंत में मैं यही कहना चाहती हूं –
Delhi has the best of both Worlds; it has the old world charm and yet so modern.
It is standing still in time and yet racing forward.

गुजरते वक्त का अफसाना भी है,
और मेट्रो की तेज रफ्तार का फसाना भी

And as they say in English-
Delhi is Delhi

 •  0 comments  •  flag
Share on Twitter
Published on May 03, 2025 00:45
No comments have been added yet.