Divya Prakash Dubey > Quotes > Quote > Sachin liked it

Divya Prakash Dubey
“हमारे पहले कदम से लेकर आखिरी कदम तक तय की गयी दूरी की लंबाई जिन्दगी के बराबर होती है । इसीलिए शायद जिन्दगी हमें भटकाती है ताकि हम अपने हिस्से भर की जिन्दगी चल पायें। ये कहानियाँ भटककर संभलने और संभलकर दुबारा भटकने के दौरान तय की गयी दूरियाँ भर हैं”
Divya Prakash Dubey, मसाला चाय

No comments have been added yet.