Krishna ki Atmakatha Series

8 primary works • 8 total works

Book 1

नारद की भविष्यवाणी
युद्धस्‍थल में मोहग्रस्‍त एवं भ्रमित अर्जुन से ही …
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Book 2

दुरभिसंधि
4.52
· 84 Ratings · 3 Reviews · 4 editions
मेरी अस्मिता दौड़ती रही; दौड़ती रही। नियति की अँगु…
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Book 3

द्वारका की स्थापना
मैंने जीवन भर कभी तर्क में विश्‍वास नहीं किया; क्य…
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Book 4

लाक्षागृह
4.67
· 69 Ratings · 2 Reviews · 4 editions
मैं नियति के तेज वाहन पर सवार था। सबकुछ मुझसे पीछे…
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Book 5

खांडव दाह
4.35
· 62 Ratings · 2 Reviews · 4 editions
जीवन को मैंने उसकी समग्रता में जीया है। न मैंने लो…
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Book 6

राजसूय यज्ञ
4.57
· 42 Ratings · 2 Reviews · published 2015 · 4 editions
राजसूय यज्ञ
मेरी मनुजात की वास्‍तविकता पर जब चमत्का…
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Book 7

संघर्ष
4.33
· 51 Ratings · 3 Reviews · 5 editions
Brand New International Paper-back Edition Same as…
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Book 8

प्रलय
4.50
· 52 Ratings · 3 Reviews · 4 editions
मुझे देखना हो तो तूफानी सिंधू की उत्ताल तरंगों में…
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